हेमोडायलिसिस रोगी को हेमोडायलीसर के अर्ध पारगम्य झिल्ली में प्रति सप्ताह 300 लीटर से अधिक पानी का पर्दाफाश कर सकता है। स्वस्थ व्यक्तियों में कभी-कभी 12 लीटर से ऊपर पानी का साप्ताहिक मौखिक सेवन होता है।
डायलिसिस रोगी आम आदमी के मुकाबले ३० गुना ज्यादा पानी के संपर्क में रहते है इसलिए हेमोडिअलीसिस में इस्तिमाल किया जाने वाले पानी की जांच पूर्ण रूप से करनी चाहिए ताकि उसमे मौजूद कोई भी हानिकारक तत्व रोगी को नुक्सान न पंहुचा सके। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों और शर्तों के अनुसार गुणवत्ता आश्वासन को पूरा करने के लिए जल परीक्षण करना सबसे महत्वपूर्ण है।
डायलिसिस तरल पदार्थ की तैयारी में उपयोग की जाने वाली उचित गुणवत्ता का पानी हेमोडायलिसिस और संबंधित उपचारों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है। हेमोडायलिसिस के लिए उद्देश्य जल उपचार सुविधाओं के लिए फिट की स्थापना को बढ़ावा देने और हेमोडायलिसिस के उपयोग के लिए उपयुक्त डायलिसिस पानी के नियमित उत्पादन को सुरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का विकास किया गया है।
सिग्मा टेस्ट एंड रिसर्च सेंटर उपयुक्त परीक्षण प्रदान करता है जो सुनिश्चित करता है कि तापमान स्तर और क्लोरीन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे रसायनों की संरचना प्रासंगिक है। आवश्यक परिणाम प्राप्त करने के लिए कार्बन फ़िल्टरिंग, पानी का खारापन मिटाने और रिवर्स ऑस्मोसिस जैसी विधियों का पालन करना जरुरी है। हमारे विशेषज्ञ एसोसिएशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ मेडिकल इंस्ट्रुमेंटेशन (एएएमआई) के मानकों का पालन करते हैं।
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